मिस-कम्युनिकेशन से गुड-कम्युनिकेशन तकराह में जाते हुएदो मित्रआपस में मिले।दोनों को कम सुनाई देता था। मिलते ही एक ने पूछा 'कहाँ जा रहे हो?' दूसरेने उत्तर दिया 'मैं मंदिर जा रहा हूँ।' जिस पर पहले ने कहा 'अच्छा-अच्छा मुझे लगा कितुम मंदिर जा रहे हो।' इस परदूसरे ने फिर से जवाब दिया 'नहीं-नहीं मैं तो मंदिर जा रहाथा।'खैर यह तो एक चुटकुलाथा मगर इससे समझनेवाली बात यह है कि कई बार ऐसा ही कुछ हमारे साथ भी होता है। हम कहते कुछहैं और सामनेवाला समझता कुछ और है सामनेवाला कहता कुछ है और हम समझते कुछ अलग हैं।इस