This combo product is bundled in India but the publishing origin of this title may vary.Publication date of this bundle is the creation date of this bundle; the actual publication date of child items may vary.NAइसी पुस्तक से - दरअसल भारतीय समाज में फूट डालने का जो मिशन पहले अंग्रेजों ने शुरू किया था अब वह कैम्पेन कुछ नए क्षितिज छू रहा है। इस नए प्रकल्प में दानव दैत्य राक्षस और असुर समकालीन दलित वंचित और आदिवासियों से समीकृत किये जाएंगे और देवगण सवर्णों से। इस नए समीकरण के जरिए हमारे हर पर्व को जातीय संकीर्णताओं की बसों में दूषित किया जायगा। इस आल्टरनेटिव रीडिंग का लक्ष्य हमारे समय और समाज को प्रगतिशील बनाना नहीं है बल्कि उनमें स्पष्ट दिखाई देने वाली समस्त प्रगतिशीलताओं को भेदभावों के धुएं में आवृत्त करना है। इसके जरिए पाठ का विकल्प नहीं ढूंढा जा रहा एक विकल्प की तरह पुनर्जागृत होते हुए भारत का खंडन किया जा रहा है। यह एक दुस्तर दलदल है क्योंकि इस बहस में पड़कर अपने पाठ का पाविन्य गवाते हैं और न पड़कर उनकी कुत्सित कोशिशों का विस्तार देखते हैं। सबसे भले विमूढ़ जिन्हें न व्यापे जगत गति । भारत आधुनिक है तो इसलिए नहीं कि उसे आधुनिक होना वेंडी डोनिगरों आदि ने सिखाया। वह आधुनिक है क्योंकि ऐसा होना उसकी तबीयत में है। उसकी आधुनिकताओं को इन रूपकों में देखा जा सकता है जो जाति या जनजाति से निरपेक्ष होकर सारे मानव समाज के लिए हैं। जब असुरों को दलित व आदिवासी बताने की तरकीबें की जाती हैं तो वे भारत के समकालीन को लक्ष्य कर की जाती हैं उसकी पौराणिकताओं को ध्यान में रखकर नहीं की जाती हैं। अब वे भारत के अनुसूचित जाति और जनजातीय समाजों का एलियनेशन ही नहीं करना चाहते वे उनका एप्रोप्रिएशन भी करना चाहते हैं।NA
Piracy-free
Assured Quality
Secure Transactions
Delivery Options
Please enter pincode to check delivery time.
*COD & Shipping Charges may apply on certain items.