*COD & Shipping Charges may apply on certain items.
Review final details at checkout.
₹217
₹250
13% OFF
Paperback
All inclusive*
Qty:
1
About The Book
Description
Author
इस पुस्तक को पढ़ने से सुधि पाठक को भक्ति काल और रीतिकाल के काव्य का स्मरण हो जाएगा। गुरु का महत्व पहले भी था आज भी है और भविष्य में भी रहेगा। उसी तरह से भक्ति का भाव कालातीत है उसमें अधिकता और न्यूनता आती रहती है। नीति नवनीत में समसामयिक मनुष्य की प्रवृत्ति को उकेरा गया है कि आज का मनुष्य किस तरह से लोगों के साथ व्यवहार करता है । संसार नश्वर है इसे हम नश्वरता से समझ सकते हैं और संसार रहस्यमय है रहस्य के दोहों से यह भी समझा जा सकता है। ऋतु वर्णन के दोहों से हम यह समझ सकते हैं कि ऋतुएँ किस तरह से मनुष्य के जीवन को प्रभावित करती हैं।