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About The Book
Description
Author
अश्मित ने यह महसूस किया कि यह पैलेस अंदर वाकई बहुत ही बड़ा है।अश्मित यह सोचने लगा यह वाकई कभी किसी जमाने में किसी का महल रहा होगा।अश्मित की आंखें किसी नौकर को तलाश रही थी मगर अश्मित को यह बहुत अजीब लग रहा था कि इतने बड़े पैलेस में उसे अभी तक कोई भी नौकर नहीं दिखाई दिया था सिवाय उस औरत के जिसने उसे गाड़ी को गेट के अंदर ले जाने के लिए कहा था।सर्दी अब और ज्यादा बढ़ गई थी और कोहरा भी और ज्यादा छाने लगा था।अश्मित मन में सोचा कि कहीं ऐसा तो नहीं मिसेस केट बाहर गई हों..और वह गलत वक्त पर यहां पर आ गया हो तभी!उसे पीछे से किसी औरत की सुरीली आवाज सुनाई दी! तो आखिरकार तुम यहां पर आ ही गए अश्मित तुम्हें यहां आने में कोई तकलीफ तो नहीं हुई अश्मित ने चौक कर पीछे मुड़कर देखा....