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About The Book
Description
Author
उन पंद्रह दिनों के प्रत्येक चरित्र का प्रत्येक पात्र का भविष्य भिन्न था! उन पंद्रह दिनों ने हमें बहुत कुछ सिखाया।माउंटबेटन के कहने पर स्वतंत्र भारत में यूनियन जैक फहराने के लिए तैयार नेहरू हमने देखे। लाहौर अगर मर रहा है तो आप भी उसके साथ मौत का सामना करो'' ऐसा जब गांधीजी लाहौर में कह रहे थे तब राजा दाहिर की प्रेरणा जगाकर हिम्मत के साथ संगठित होकर जीने का सूत्र' उनसे मात्र 800 मील की दूरी पर उसी दिन उसी समय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख श्रीगुरुजी' हैदराबाद (सिंध) में बता रहे थे।कांग्रेस अध्य