वास्तु प्रकृति और मानव के संतुलन का सेतु है। वास्तु एक विज्ञान है और कला भी है। वास्तु सार्वभौमिक है।<br>वैदिक वास्तु प्राचीन वास्तुकला एवं वास्तु विज्ञान संबंधी भारतीय विज्ञान की ज्ञानवर्धक एवं विस्मयकारी शाखा के अनुसंधान अध्ययन विवेचन में सांस्कृतिक दृष्टिकोण भी छिपा है। भारत के विभिन्न कालीन प्राचीन स्मारक मंदिर स्तूप इत्यादि संबंधी निर्माण कार्य वैदिक वास्तु एवं वास्तुकला प्रियता के प्रत्यक्ष उपलब्ध गौरवान्वित योग्य प्रमाण हैं। आधुनिक वास्तुकला हमारी प्राचीन वास्तुकला का ही नवीन रूप है। प्रस्तुत पुस्तक में इस प्राचीन विज्ञान के उद्गम तथा विकास का क्रमवार अध्ययन प्रस्तुत किया गया है।<br>कौलाचार्य जगदीश शर्मा को ज्योतिष तंत्र-मंत्र-यंत्र पराविज्ञान वास्तुशास्त्र मनोविज्ञान सहित अनेक विद्याओं में पारंगतता प्राप्त है। आपकी विलक्षण लेखनी से अनेक स्तरीय लेख वर्षों से समाचार पत्रों व पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं। आपकी लेखनी से भूकम्प शोध हस्ताक्षर विज्ञान पहचान आपकी विवाह गुण मिलान स्वरोदय तंत्र बॉडी लैंग्वेज अपनी जन्मपत्री स्वयं पढ़ें फेंग शुई प्रश्नोत्तरी जैसी ज्ञानवर्धक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। इस क्रम में वास्तु विज्ञान संबंधी यह पुस्तक वैदिक वास्तु आपके हाथों में है जो कि स्वयं में अद्भुत और ज्ञानवर्धक तो है ही साथ ही नवीनता लिए हुए भी है।
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