*COD & Shipping Charges may apply on certain items.
Review final details at checkout.
₹153
₹200
23% OFF
Paperback
All inclusive*
Qty:
1
About The Book
Description
Author
Veerangna Rani Durgavati वीरांगना रानी दुर्गावती Book In Hindi - Arun Diwaker Nath Bajpaiरानी दुर्गावती कालिंजर के राजा कीरत सिंह की पुत्री और गोंड राजा दलपत शाह की पत्नी थीं । उस दिन दुर्गाष्टमी थी इसलिए उनका नाम दुर्गावती रखा गया । इनका राज्य क्षेत्र दूर-दूर तक फैला था। रानी दुर्गावती बहुत ही कुशल शासिका थीं । इनके शासन काल में प्रजा बहुत सुखी थी और राज्य की ख्याति दूर-दूर तक फैल चुकी थी । इनके राज्य पर केवल अकबर बल्कि मालवा के शासक बाज बहादुर की भी नजर थी । रानी ने अपने जीवन काल में कई युद्ध लड़े और उनमें विजय भी प्राप्त की ।रानी दुर्गावती का जीवन मात्र 39 वर्ष 8 महीने और 18 दिन का था। वह 5 अक्तूबर 1524 को कलिंजर किले में अवतरित हुई थी और 24 जून 1564 को उन्होंने अपने राष्ट्र धर्म संस्कृति की रक्षा करते-करते अपने प्राणों की आहुति दी । वीरांगना के प्राण उत्सर्ग की गाथा आज भी जबलपुर और मंडला के बीच बरेला ग्राम मे नरई नाला में बनी हुई उनकी समाधि अभिव्यक्त कर रही है।रानी दुर्गावती ने अपने राज्य में जनकल्याण के बहुत सारे काम किए । महलों तालों गढ़ों बाग बगीचों पाठशालाओं सड़कों धर्मशालाओं मंदिरों नारी प्रशिक्षण केंद्रों आदि का निर्माण किया । उनके राज्य तलवार गढ़ने के विशेष कारखाने थे । रानी के राज्य मे इनकी मुद्रा चलती थी । टकसाल मे सोने-चाँदी के सिवके ढाले जाते थे। कृषि के लिए प्रत्येक साधन उपलब्ध थे ।