उसने क्षत्रिय कुल में जन्म लिया एयर वह ब्रह्मर्षि बन गया I ऋषि ऋचीक कि पत्नी सत्यवती जब अपनी माँ रानी रत्ना से पुत्र प्रदान करने वाला चमत्कारी पेय बदल देती है तो केवल उनके बच्चों का भाग्य नहीं बदलता बल्कि संपूर्ण मानव जाती का इतिहास परिवर्तित हो जाता है I इस घटनाक्रम के फलस्वरूप विश्वामित्र का जन्म होता है जो एक क्षत्रिय का पुत्र है किन्तु उसमें ब्राह्मणों के गुन हैं I उसके जीवन की यह द्विविधता शीघ्र ही प्रकट होने लगती है जब वह गुरुओं में परम शक्तिशाली - ब्रह्मऋषि - बनने का संकल्प लेता है I यह एक साहसी हठी अहंकारी किन्तु दयालु व स्वप्नदर्शी आर्यावर्त राजा की दिलचस्प कहानी है जो अपने समय के सुप्रसिद्ध ऋषियों में से एक बना I
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