यह कहानी विश्व युद्ध-2 युग के सात नेताओं जैसे हिटलर चर्चिल हैरी ट्रूमैन और गाँधी आदि की काल्पनिक भागीदारी के कारण एक अंतर्राष्ट्रीय पिच से शुरू होती है। ये नेता ही एक बड़े युद्ध की ओर ले जाने वाली इस कहानी के प्रमुख हिस्से को आकार देते हैं। अगर आप इन पात्रों में रूचि रखते हैं तो पढ़ें... भारत में फैंटेसी-फिक्शन विधाओं की कमी है। यह उपन्यास उस कमी को पूरा करने की एक कोशिश करता है। क्योंकि अधिकतर कहानी देवलोक में घटित होती है तो लेखक ने देवलोक की पारम्परिक छवि को आधुनिक बनावट दी है और एक नयी दुनिया की कल्पना की है। अगर आप उस दुनिया और उसके लोगों को जानना चाहते हैं तो पढ़ें... कहानी का मुख्य किरदार सातोश्री स्वयं एक देवता है जो पार्किन्सन बीमारी से ग्रस्त है। वो इन्सानों के प्रति सहानुभूति रखता है इसलिए वह इन्सान की तरह जीवन जीने के लिए धरती पर सात अलग-अलग अवतार ले लेता है। अगर आप सातोश्री को जानना चाहते हैं तो तो पढ़ें... कुल मिलाकर यह कहानी पूरी तरह से सत्य कर्म कर्त्तव्य शक्ति मृत्यु पुनर्जन्म आदि के भारतीय विचारों पर आधारित है और उन्हीं विचारों के लेंस के माध्यम से इन्सान और ईश्वर के बीच के सम्बन्धों को देखने की कोशिश करती है। अगर आप इन विषयों में रूचि रखते हैं तो पढ़ें...
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