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About The Book
Description
Author
आजकल की हिंदी ग़ज़ल उर्दू हिंदी फ़ारसी अंग्रेज़ी के मिक्चर की तरह है मतलब किसी भी भाषा से कोई परहेज़ नहीं है एक ग़ज़ल में हिंदी उर्दू फ़ारसी या अंग्रेज़ी चारों भाषाओं का उपयोग देखने को मिल सकता है। मेरे सामने युवा ग़ज़ल कार रेडी हिम्मतपुर खनियाँधाना जिला शिवपुरी की ग़ज़लें हैं जिनमें प्रेम है तो वियोग है- दुख है तो ख़ुशी है- रंज है तो हर्ष है संगतियाँ हैं तो विसंगतियाँ भी हैं यानी कि जीवन के सब रंगों से सराबोर हैं ये ग़ज़लें। भाई इन्द्रसिंह अरसेला का यह तीसरा ग़ज़ल संग्रह है निश्चय ही इस ग़ज़ल संग्रह की ग़ज़लें पहले से और बेहतर हैं। भूख और ग़रीबी का रेखाचित्र खींचते हुए ग़ज़लकार कहता है कि मिट्टी के इन घरों में ख़ुदा की क़सम देख! मजबूरियाँ दिल धड़क जाएगा बाँधकर पीठ पर पेट को आज तू जा रहा है कहाँ जिस्म थक जाएगा