1. यह कविता संग्रह सरल और भावुक हृदय का एक आईना है। इसमें जीवन पथ में पथिक की तरह चुन-चुन कर अनुभवों को पिरोया गया है। कुछ कवितायें मानवता की अनदेखी परछाई का बखान करती हैं- दिल का बोझ चेहरों से मिलते सन्देश हजार तो कुछ प्रकृति का वर्णन करते हुए उससे रूबरू हो जाती हैं- फूल औ काँटे झाड़ और डाल काम अपना कर गया जो बिन कहे तह तक जाने में दिल को छू जाती हैं।2. सामाजिक व्यवस्थाओं रीति-रिवाजों का भी सटीक वर्णन थोड़े शब्दों में गागर में सागर भरने जैसा है। बाल विवाह लाचार माता जलती बहुएँ बुजुर्ग माता-पिता एक सन्देश वाहक के रूप में पाठकों को प्रस्तुत कर आईना दिखाया गया है।3. भाषा और शैली पर जोर न देते हुए बिना लाग-लपेट के संवेदनाओं का प्रकटीकरण बड़ी मार्मिकता से उद्धृत करने की चेष्टा की गयी है।4. यादों के सहारे बचपन मातृभूमि देवस्थानों को भी पहचान देने की कोशिश की गई है। 5. आशा है कि पाठकों को पहली प्रस्तुति पसन्द आयेगी।
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