Yah Path Bandhu Tha

About The Book

भारतीय स्वाधीनता संग्राम-काल के एक साधारण व्यक्ति श्रीधर ठाकुर की असाधारण-कथा का यह बृहत् उपन्यास श्रीनरेश मेहता के विवादास्पद प्रथम उपन्यास 'डूबते मस्तूल' से बिकुल भिन्न भावभूमि संस्कार तथा शैली को प्रस्तुत करता है । कथा-नायक श्रीधर बाबू एक व्यक्ति न रहकर प्रतीक बन गये हैं उन सब अज्ञात छोटे-छोटे लोगों के जो उस काल के राष्ट्रीय संघर्ष परम्परागत-निष्ठा तथा वैष्णव-मूल्यों के लिए चुपचाप होम हो गये । इतिहास ऐसे साधारण-जनों को नहीं देखता है लेकिन उपन्यासकार किसी एक साधारण-जन को इतिहास का महत्व दे देता है । लेखक की परिपक्व जीवनी-दृष्टि जीवनानुभव और कलात्मक-शक्ति ने एक साधारण-जन को सारी मानवीय संवेदना देकर अनुपम बना दिया है । श्रीनरेश मेहता अपनी भाषा संस्कार तथा शिल्प के लिए कवियों और गद्यकारों में सर्वथा विशिष्ट माने जाते हैं और यह महत्वपूर्ण उपन्यास हमारे इस कथन की पुष्टि करता है ।.
Piracy-free
Piracy-free
Assured Quality
Assured Quality
Secure Transactions
Secure Transactions
Delivery Options
Please enter pincode to check delivery time.
*COD & Shipping Charges may apply on certain items.
Review final details at checkout.
downArrow

Details


LOOKING TO PLACE A BULK ORDER?CLICK HERE