Yashpal Ke Nibandho Me Marxwadi Chintan

About The Book

यशपाल कथाकार हैं कथा-सृष्टि उनके लेखन का प्रधान अंग रहा है। उन्होंने अपने निबंधों में जीवनानुभवों को व्याख्यायित- विश्लेषित करने का प्रयत्न किया है। तर्क-वितर्क के माध्यम से निबंधों में रोचकता लाकर पाठकों तक पहुँचाने का प्रयत्न किया है। उन्होंने साहित्य की अन्य विधाओं की तरह निबंध में भी हाथ आजमाया है। प्रगतिवादी विचारधारा के लेखक होने के कारण यशपाल ने समाजवादी चिंतन एवं मार्क्सवादी दर्शन से प्रभावित होकर समाज की आर्थिक सामाजिक राजनीतिक समस्याओं का समाधान समाजवादी दृष्टिकोण से किया है। यशपाल ने परंपरागत रूढिगत विचारों का खंडन किया है और मानवजात तथा सभ्यता के विकास के अवरोधक तत्वों का विरोध किया। राजनीतिक व्यवस्था के गुण-दोषों का विवेचन करने के लिए दो परस्पर विरोधी विचारधाराओं के पात्रों को लेकर वाद-विवाद करवाया है। इसके अलावा यशपाल ने वैयक्तिक निबंधों की भी सृष्टि की है जिनमें उनका व्यक्तित्व स्पष्ट झलकता है।
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