About The Book:. जब मृत्यु से नज़रें मिलीं तब एहसास हुआ कि जीवन के ना जाने कितने पल मैंने चिंता और झिझक में खो दिए। जब लेखन के अलावा कोई और विकल्प ना बचा तब मैंने अपने अंदर की कवयित्री को ज़्यादा तवज्जो देना शुरु किया और लोगों को अपनी कविता सुनाने के बाद मुझे महसूस हुआ कि मेरे लिखे शब्द लोगों को किस कदर प्रभावित करते हैं। 18 की उम्र में यह मेरी पहली किताब है। इन कविताओं में मेरे जीवन का एक हिस्सा है जो मुझे उम्मीद है कि आपको भी प्रेरित करेगा। मेरा नाम पंकिता पटेल है. मै एक विधार्थी हूँ, हार ना मानने की मेरी आदत और भगवान की कृपा ने मुझे मृत्यु से जीतने की हिम्मत दी जब 2020 मे मुझे कैंसर हुआ और चिकित्सकों को मेरा पेट (stomach/gut) निकालना पड़ा. यह कैंसर बहुत विचित्र था। इसका इलाज देश दुनिया मे कोई नही खोज पा रहा था, पर मुझे इस विचित्र जीवन का सार सिखाने मे सफ़ल रहा|
Piracy-free
Assured Quality
Secure Transactions
Delivery Options
Please enter pincode to check delivery time.
*COD & Shipping Charges may apply on certain items.