Yeh Pyar Kyun Lagta Hain

About The Book

काश प्यार सोच-समझ कर किया जा सकताया फिर कभी किसी को प्यार होता ही नहीं - तो जिंदगी कितनी आसान होती!''मुझे कभी प्यार-व्यार नहीं होगा'' वः अपने आप से कहती रहती| पर अंदर ही अंदर किसी भी और लड़की की तरह वह भी चाहती थी कि कोई उसे प्यार करे| ज़िन्दगी कि वास्तविकता से उसने समझौता कर ही लिया था कि अचानक एक दिन बिन बताए बिन बुलाए उसका प्यार उसके सामने आ खड़ा हुआ!प्यार की फितरत ही ऐसी है - वह किसी से इजाज़त नहीं लेता और ऐसे ही बिन बुलाए बिना किसी आहट के ज़िन्दगी में आ धमकता है| प्यार से रूबरू होने पर उसने खुद से पुछा ''क्या यही मेरा प्यार है? क्या यही प्यार मेरे लिए सही है?'' इस सवाल का जवाब आसान नहीं है ||न कभी था और न कभी होगा| यह मर्मस्पर्शी प्रेम-कथा रिश्तों के बारे में आपकी हर धारणा को झकझोर कर रख देगी|
Piracy-free
Piracy-free
Assured Quality
Assured Quality
Secure Transactions
Secure Transactions
Delivery Options
Please enter pincode to check delivery time.
*COD & Shipping Charges may apply on certain items.
Review final details at checkout.
downArrow

Details


LOOKING TO PLACE A BULK ORDER?CLICK HERE