मेडिकल सांइस की दुनिया में डॉ. बिमल छाजेड़ (एम.बी.बी.एस. एम.डी.) एक जाने-पहचाने व्यक्ति हैं। ये भारत में नॉन इन्वेसिव कॉर्डियोलॉजी के जन्मदाता हैं। इनका जन्म वर्ष 1961 में बंगाल के एक जैन परिवार में हुआ। इन्होंने कोलकाता से एम.बी.बी.एस. और लखनऊ से एम.डी. की शिक्षा ली। डॉक्टर छाजेड़ ने विख्यात अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में छह वर्ष तक सीनियर रेसीडेण्ट और सहायक प्रोफेसर के पद पर काम किया। वर्ष 1995 में इन्होंने AIIMS छोड़ दिया और अपनी रिसर्च के आधार पर साओल की स्थापना की। साओल का मतलब है- विज्ञान तथा जीवन जीने की कला (साइंस एण्ड आर्ट ऑफ लीविंग) जो आधुनिक मेडिकल साइंस और जीवन जीने की कला को जोड़ता है। इनका हृदय रोग के रिवर्सल के लिए चलाया गया त्रिदिवसीय कार्यक्रम बहुत प्रसिद्ध हुआ। यह कार्यक्रम भारत के लगभग सभी मुख्य शहरों में शुरू किया गया है। हृदय की देखभाल के लिए इन्होंने जो ‘साओल हृदय कार्यक्रम चलाया है वह भारत में हृदय की देखभाल का सबसे लोकप्रिय तरीका है जिसमें चीर-फाड़ की कोई आवश्यकता नहीं पड़ती। डॉ. छाजेड़ ने सौ से ज्यादा किताबें लिखी हैं जिनकी गिनती सर्वाधिक बिकने वाली किताबों में होती है। इनकी किताबों का भारत की लगभग सभी क्षेत्रीय भाषाओं में अनुवाद किया गया है। इन्होंने जीरो ऑयल कुकिंग के माध्यम से भोजन बनाने का नया तरीका बताया जो पूरे भारत में बहुत प्रसिद्ध हुआ। इन्होंने हृदय रोगियों के लिए बिना तेल के 1000 व्यंजन तैयार किए हैं तथा भारत में सौ से ज्यादा शहरों में तथा विदेशों में भी व्याख्यान दिए हैं। इनकी तनाव प्रबंधन की कक्षाओं और तकनीकों ने हजारों लोगों की जिंदगी बदल दी है। इस क्षेत्र में अपनी इन उपलब्धियों के लिए इन्हें कई बार सम्मानित भी किया जा चुका है।
Piracy-free
Assured Quality
Secure Transactions
Delivery Options
Please enter pincode to check delivery time.
*COD & Shipping Charges may apply on certain items.