Yug Purush Bharat Ratna Atal ji

About The Book

मैं निशंक जी की कहानियां पढ़ रहा था। छोटी कहानियां मार्मिक कहानियां... जीवन को स्पर्श करती... ग्रामीण पहाड़ी अंचलों को छूती हुई दिखती हैं। उनमें अब ढूंढेंगे तो पीड़ा मिलेगी वेदना मिलेगी और वेदना और प्रश्नपत्र छोड़ जाएंगी। </br>जब मैंने.... निशंक जी की रचनाओं की सूची पढ़ी मैं रचना पढ़ने की बात नहीं कह रहा हूं... रचनाओं की सूची जब मैंने पढ़ी.....तो मैं लोहा मान गया।</br>लेखन एक साधना है... अगर भावों को शब्दों में उतारा गया है तो समझना चाहिए उसमें मूल रूप है ठोस रूप लिया है... कुछ आकार चाहता है... आगे की यात्रा आगे शुरू होती है। मैं निशंक जी को बधाई देता हूं। लेकिन संवेदना... जो हृदय की संवेदना है वह घटना नहीं चाहिए मरना नहीं चाहिए ... और जब व्यक्ति अपनी संवेदना को सारे देश और समाज की संवेदना बनाकर देखता है तो परिवर्तन होता है. ... ।
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