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About The Book
Description
Author
Yun Hi Nahi Ban Jate Mahaveer यूँ ही नहीं बन जाते महावीर Book In Hindi - Dr. Vandna Dangiआर निर्धारित लक्ष्य तक पहुँचने के प्रयोजन में जीवन का आनंद कहीं खो जाता है तो कहीं जीवन की डोर तक टूटती दिखाई देती है। हम सोच में पड़ जाते हैं कि सब कुछ मिल जाने के बाद भी कुछ और पाने की चाह आखिर क्यों बनी रहती है?प्रस्तुत पुस्तक में लेखों और कविताओं के माध्यम से इन्हीं सब प्रश्नों के उत्तर तलाशने की कोशिश की गई है। ज्यादातर इन लेखों में जैन दर्शन के साथ-साथ वेदों श्रीमद्भागवद्गीता और अन्य धर्म ग्रंथों में निहित श्लोकों या विचारधाराओं का भी उल्लेख किया है।जैन धर्म के प्रणेता महावीर स्वामी का जीवन अपने आप में एक मिसाल है कि किस प्रकार मानव से भगवान् बनने का सफर तय किया जा सकता है। सत्य अहिंसा अस्तेय अपरिग्रह और ब्रह्मचर्य जैसे सिद्धांतों की विश्व के लगभग हर धर्म में चर्चा की गई है लेकिन जैन दर्शन में जितनी सूक्ष्मता से इनकी विवेचना की गई है वह सभी धर्मों की मूल अवधारणा को बल ही प्रदान करती है। विभिन्न धर्मों में से समान या विरोधाभासी तत्त्वों को ढूँढकर अपनी विचारधारा के साथ समन्वित करने का जो दृष्टिकोण है उसे ही अनेकांतवाद कहा जाता है और इस पुस्तक में पाठकों को कुछ इसी प्रकार के दृष्टिकोण की झलक मिलेगी ऐसा विश्वास है।