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About The Book
Description
Author
जिन्हें शेरो-शायरी नज़्म कविता और ख़्याल से मुहब्बत है उन्हें ये क़िताब मन की लगेगी। इसे ज़हनी अय्याशी का नाम क्यों दिया गया है वो तो आप क़िताब पढ़ कर जान ही लेंगे। लेखक के बारे में : 23 अगस्त 1978 भरतपुर राजस्थान में जन्में लोकेश गुलयानी यूँ तो लेखन के क्षेत्र में अपनी छाप अपने पिछले दो उपन्यास जे एवं बोध से छोड़ चुके हैं पर उन्होनें अब तलक कविता और शेरो-शायरी की ओर रुख़ नहीं किया था। ये क़िताब उनके जज़्बाती सफ़र की गवाह है। लोकेश अपने परिवार के साथ गुलाबी नगरी जयपुर में रहते हैं और पेशे से सलाहकार हैं।