Zindagi Ka Safar: Javed Akhtar Nasreen Munni Kabir Se Vartalaap (Hindi Edition of Talking Life)


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About The Book

ज़िंदगी का सफ़र में पटकथा लेखक शायर और संगीतकार जावेद अ़ख्तर डॉक्युमेंट्री फ़िल्म निर्देशक और लेखिका नसरीन मुन्नी कबीर से वार्तालाप कर रहे हैं। इस किताब में अ़ख्तर ने ज़िंदगी के उन आयामों पर रौशनी डाली है जो इतिहास के अँधेरों में गुम हो जाया करते हैं। अ़ख्तर बला की ईमानदारी से अपनी ज़िंदगी के उन उतार-चढ़ाव का ज़िक्र करते नज़र आते हैं जो शहर-ए-लखनऊ में उनके बचपन का हिस्सा रहे हैं। वहाँ से शुरू होकर अ़ख्तर 1960 के उस दौर में जाते हैं जब वो लेखक बनने की ओर अग्रसर थे और फ़िल्म उद्योग में अपने क़दम रखना चाह रहे थे। वो उन दिनों की बात भी आगे रखते हैं जब वो एक कामयाब पटकथा लेखक हो चुके थे। वो अपने पति होने पिता होने और अपनी पारिवारिक ज़िंदगी पर भी वार्तालाप करते हैं। वो अपनी दोस्ती और सहकर्मियों के बारे में भी बताते हैं जो उनकी निजी और पेशेवर ज़िंदगी का हिस्सा रहे हैं। यह जानकर हैरानी होगी कि उनका भी दिल टूटा है उन्हें भी चोट पहुँची है। वो उन दिनों को भी जीते हैं जब उन्होंने लेखकों और संगीतकारों के लिए हिंदोस्तान की संसद में आवाज़ बुलंद की थी। अपने भीतर और अंतर्मन की उन चुनौतियों-संघर्षों पर भी विचार रखे हैं जो मक़बूलियत और रईसी के साथ आते हैं और जिन पर विजय पाना आसान नहीं होता। उन्होंने दीवानों की तरह एक्सेलेंस का पीछा किया है। बात हो तो खरी-खरी दाँव-पेंच तो ज़िंदगी के भी होते हैं। ज़िंदगी का सफ़र फ़िल्म इतिहास का वह दर्पण है जिसमें कहानियों और विवरणों की श़क्ल में इतिहास निगाहों में समा जाता है।
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