पंजाब की पैदाइश और कोलकाता में पढ़ीं-बड़ी अल्का का मानना है की उन पर बंगाली कल्चर का हमेशा से प्रभाव रहा है और शायद इसी कारण से उनका झुकाव रचनात्मकता की ओर है । अपने लगाव को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने अपनी इस पहली कविता की पुस्तक के साथ साहित्यिक दुनिया में पदार्पण किया है । आजकल की सामाजिक चुनौतियों को देखते हुए कवियित्री का मानना है कि सुरक्षित रिश्ते समय की मांग हैं और उन्हें सफलतापूर्वक प्रबंधित करने के लिए ज्यादा समझदारी सहानुभूति और ईमानदारी की जरूरत है और यही कुछ विचार और जज़्बात इन कविताओं में झलकते हैं। ये कविताएं रिश्तों से प्रेरित हैं और आज के बदलते समाज और रिश्तों दोनों को ही दर्शाती हैं । इस संग्रह की कविताएं सरल रोजमर्रा की भाषा में लिखी गयी हैं जिसके कारण इनको पढ़ना और समझना हर एक के लिए बेहद आसान है । कवियित्राी उम्मीद करती हैं कि पाठक इन कविताओं से कहीं ना कहीं जुड़ पाएंगे और कविताओं को अपने दिल में स्नेहपूर्ण एक छोटी सी जगह देंगे । अलका लाॅरेटो काॅलेज और ग्स्तप की छात्रा रह चुकी हैं। उन्होंने अपने करियर में कई साल हाॅस्पिटैलिटी और गारमेंट एकस्पोर्ट में काम किया है और एक सफल उद्यमी के रूप में एक एग्जिक्यूटिव सर्च फर्म की भी स्थापना की है । वह समाज में स्वच्छता वृद्धों की देखभाल जैसे सामाजिक मुद्दों पर कुछ काम भी कर रही हैं । उनकी कलम पेंसिल और जल-रंग रेखाचित्रा जल्द ही दिल्ली और लंदन में सोलो प्रदर्शनियों में नजर आएंगी ।
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