Kinara
Hindi


LOOKING TO PLACE A BULK ORDER?CLICK HERE

Piracy-free
Piracy-free
Assured Quality
Assured Quality
Secure Transactions
Secure Transactions
Fast Delivery
Fast Delivery
Sustainably Printed
Sustainably Printed
Delivery Options
Please enter pincode to check delivery time.
*COD & Shipping Charges may apply on certain items.
Review final details at checkout.

About The Book

साहित्य में ‘मंजरनामा’ एक मुक्कमिल फार्म है | यह एक ऐसी विधा है जिसे पाठक बिना किसी रूकावट के रचना का मूल आस्वाद लेते हुए पढ़ सकें| लेकिन मंजरनामा का अंदाजे-बयाँ अमूमन मूल राचन से अलग हो जाता है या यूँ कहें कि वह मूल रचना का इंटरप्रेटेशन हो जाता है | मंजरनामा पेश करने का एक उद्देश्य तो यह है कि पाठक इस फार्म से रू-ब-रू हो सकें और दूसरा यह कि टी.वी. और सिनेमा में दिलचस्पी रखनेवाले लोग यह देख-जान सकें कि किसी कृति को किस तरह मंजरनामे की शक्ल दी जाती है | टी.वी. की आमद से मंजरनामों की जरूरत में बहुत इजाफा हो गया है | ‘किनारा’ प्यार के अंतर्द्वन्द्व की कहानी है | जो संयोगों और दुर्योगों के बीच से होकर जाती है | एक तरफ प्यार की वफ़ादारी है जो विवंगत प्रेमी की स्मृतियों से भी दगा नहीं करना चाहती और दूसरी तरफ नए प्यार का अटूट समर्पण है जो एक दुर्घटना के गिल्ट को धोने के लिए अपना सब कुछ हारने को तैयार है | लेकिन नियति अपने लिखित को जब तक उसका एक-एक हर्फ़ सच न हो जाए अंट तक उनके बीच बैठी बाँचती रहती है | पीड़ा के अपने चरम पर पहुँच जाने तक | गुलजार की फ़िल्में इतने स्वाभाविक ढंग से फार्मूला-मुक्त होती हैं कि हम लोग जो साहित्य में भी फार्मूलों के अभ्यस्त रहे हैं और फिल्मों में भी उनकी कथा-योजना को देख हैरान-से रह जाते हैं | फिल्म ‘किनारा’ और उसकी कहानी भी ऐसी ही है |
downArrow

Details