मध्यप्रदेश भारत का दूसरा प्रमुख प्याज उत्पादक राज्य है जहाँ कुल 1.20 लाख हैक्टेयर में इसकी खेती की जाती है। प्रदेश में प्याज की उत्पादकता 26.00 टन प्रति हैक्टेयर है जिसे कृषि के आधुनिक तकनीकी अपनाकर 40.00 टन प्रति हैक्टेयर तक बढ़ाया जा सकता है। इसी प्रकार प्याज के समुचित भण्डारण से बाजार में प्याज के मूल्यों में अप्रत्याशित उतार चढ़ाव को भी नियंत्रित किया जा सकता है। पुस्तक में इन बातों को ध्यान में रखकर प्याज की खेती की आधुनिक कृषि तकनीकियों जैसे - फसल प्रबंधन भण्डारण एवं प्रसंस्करण आदि पर विस्तृत जानकारी दी गई है। आशा है यह पुस्तक कृषि प्रसार अधिकारियों कृषकों एवं छात्रों के लिए काफी उपयोगी सिद्ध होगी साथ ही वर्ष 2022 तक सरकार की मंशानुरूप प्याज की फसल से कृषकों की आय दो गुनी करने में भी सहायक होगी। </br>डॉ. दिलीप कुमार मिश्रा ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से उद्यानिकी विषय में स्नातकोत्तर एवं छत्रपति साहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर से पी.एच.डी. की उपाधि प्राप्त की है एवं वर्तमान में कृषि विज्ञान केन्द्र कस्तूरबाग्राम इन्दौर में उद्यान वैज्ञानिक के रूप में कार्यरत् है। विगत 20 वर्षों से उद्यानिकी से संबंधित शोध प्रसार एवं शैक्षणिक कार्य में संलग्न हैं। इनके 20 से अधिक शोधपत्र 13 तकनीकी प्रसार पुस्तिका 4 पुस्तक अध्याय एवं 48 लेख विभिन्न राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके है। डॉ. डी.के. मिश्रा के दूरदर्शन एवं आकाशवाणी पर कृषि एवं उद्यानिकी से संबंधित अनेकों कार्यक्रम भी प्रसारित हुए हैं।
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