आज लोग ध्यान को जीवन की मूल आवश्यकता की तरह रोज अपने जीवन में शामिल कर रहे हैं या करना चाहते हैं। इससे होने वाले लाभों के कारण न केवल भारतीय बल्कि विश्व के अन्य देश भी इसको अपनी दिनचर्या में शामिल कर रहे हैं। इस पुस्तक के माध्यम से न केवल एक आम आदमी यह समझ सकता है कि ध्यान क्या है इसे कैसे व क्यों करें? बल्कि वह यह भी समझ सकता है कि सब गुरुओं की विधियाँ एक दूसरे की विधियों से कितनी व कैसे भिन्न हैं तथा कौन सी उसके मन व व्यक्तित्त्व के अनुसार उसके लिए उपयुक्त है। इतना ही नहीं इस पुस्तक के माध्यम
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