सूर्यविज्ञान सूर्यतन्त्र सावित्रीविद्यादि विषयक अनेक प्राचीन एवं नव्य ग्रन्थ उपलब्ध हैं किन्तु विशिष्ट विद्वतापूर्ण होने के कारण सामान्य जिज्ञासुओं के लिए पर्याप्त-दुरुह हैं । इस विषयक अध्ययन मनन चिन्तन और अभ्यास सुदीर्घकाल से चल रहा है और ये योजना भी बहुत पहले ही बन चुकी थी कि इस विषय पर कुछ ऐसा संकलन व्यवस्थित किया जाये जो सामान्य जिज्ञासुओं के लिए विशेष उपयोगी हो सके । उसी सत प्रयास का क्षुद्र प्रतिफल है ये आत्मचिन्तन । हो सकता है नये पाठकों को ये सरलतम भी किंचित दूरुह लगे किन्तु इसके लिए मैं